वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की – निदा फ़ाज़ली

निदा फ़ाज़ली हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे. इन्होने कई हिन्दी फिल्मों के लिये गाने लिखे हैं और कई शानदार ग़ज़लें जो बेहद मशहूर हैं. आज देखते हैं उनकी एक खूबसूरत रचना “वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की”.

Nida Fazli

वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की
जो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है
सुना है
वो किसी लड़के से प्यार करती है
बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है
न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ
बस उसी वक़्त जब वो आती है
कुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है
मुझे
एक अजनबी की ज़रूरत हो गई है मुझे
मेरे बरांडे के आगे यह फूस का छप्पर
गली के मोड पे खडा हुआ सा
एक पत्थर
वो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाख
और उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँ
यह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैं
मेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैं
मैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहे
अदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहे