Deewaron Se Milkar Rona ghazal is beautifully sung by Pankaj Udhas. Qaiser-Ul-Jafri has written this ghazal. Pankaj Udhas has also composed the music.
Ghazal: Deewaron Se Milkar Rona
Singer: Pankaj Udhas
Composer: Pankaj Udhas
Poet: Qaiser-Ul-Jafri
Deewaron Se Milkar Rona Achha Lagta Hai
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
कितने दिनों के प्यासे होंगे यारो सोचो तो
शबनम का क़तरा भी जिन को दरिया लगता है
आँखों को भी ले डूबा ये दिल का पागल-पन
आते जाते जो मिलता है तुम सा लगता है
इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा
जो मिलता है उस का दामन भीगा लगता है
दुनिया भर की यादें हम से मिलने आती हैं
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
किस को पत्थर मारूँ ‘क़ैसर’ कौन पराया है
शीश-महल में इक इक चेहरा अपना लगता है