पढ़िए मशहूर शायर फरहत शहजाद की लिखी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल जिसका शीर्षक है – तेरा मिलना बहुत अच्छा लगे है
तेरा मिलना बहुत अच्छा लगे है – फ़रहत शहज़ाद
तेरा मिलना बहुत अच्छा लगे है
मुझे तु मेरे दुःख जैसा लगे है
चमन सारा कहे है फूल जिसको
मेरे आँखों को तुज चेहरा लगे है
रगों में तेरी ख्वाहिश बह रही है
ज़माने को लहू दिल का लगे है
हर इक मजबूर सीने में मुझे तो
धड़कन वाला दिल अपना लगे है
सफर कैसा चुना ‘शहज़ाद’ तूने
हर एक मंजिल यहाँ रस्ता लगे है