He was a poor, uneducated youth who later learned history, theology, and poetry. Zauq was a famous contemporary of Ghalib, and their rivalry is well-known in Urdu poetry history. During his lifetime, Zauq was more popular than Ghalib.
मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़ उर्दू अदब के एक मशहूर शायर थे. ज़ौक़ का असली नाम शेख़ इब्राहिम था और ये ग़ालिब के समकालीन शायरों में बहुत ऊपर का दर्जा रखते हैं. अपने ज़माने में ज़ौक़ की शायरी की धूम थी और ग़ालिब और मोमिन से ये बड़े शायर माने जाते थे.
(Source: As read on Wikipedia)
Zauq Shayari and Poem
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Some Latest Added Poems of Zauq
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- तेरा बीमार न सँभला जो सँभाला लेकर – ज़ौक़
- निगाह का वार था दिल पर फड़कने जान लगी – ज़ौक़
- लेते ही दिल जो आशिक़-ए-दिल-सोज़ का चले – ज़ौक़
- तेरे आफ़त-ज़दा जिन दश्तों में अड़ जाते हैं – ज़ौक़
- क्या आए तुम जो आए घड़ी दो घड़ी के बाद – ज़ौक़
- कहाँ तलक कहूँ साक़ी के ला शराब तो दे – ज़ौक़
- जो कुछ के है दुनिया में वो इन्साँ के लिए है – ज़ौक़
- हुए क्यूँ उस पे आशिक़ हम अभी से – ज़ौक़
- कौन वक़्त ऐ वाए गुज़रा जी को घबराते हुए – ज़ौक़
- इक सदमा दर्द-ए-दिल से मेरी जान पर तो है – ज़ौक़