फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे. वे उर्दू शायरी के सबसे बड़े नाम में गिने जाते हैं. उनकी एक ग़ज़ल सुनिए – तुझे पुकारा है बेइरादा
तुझे पुकारा है बेइरादा
तुझे पुकारा है बेइरादा
जो दिल दुखा है बहुत ज़ियादा
नदीम हो तेरा हरफ़े-शीरीं
तो रंग पर आये रंगे-बादा
अता करो इक अदा-ए-देरीं
तो अश्क से तर करें लबादा
न जाने किस दिन से मुंतज़िर है
दिले-सरे-रहगुज़र फ़तादा
कि एक दिन फिर नज़र में आये
वो बाम रौशन वो दर कुशादा
वो आये पुरसिश को, फिर सजाये
कबा-ए-रंगीं अदा-ए-सादा
नदीम=दोस्त
फ़तादा=रासते पर पड़ा दिल
पुरसिश=हाल चाल पूछने को
कबा=कपड़े
This ghazal is from the Faiz Ahmad Faiz album’s Shaam-e-Shehr-e-Yaaran. Faiz Ahmad Faiz has recited his ghazal in his own voice. Listen to the audio on these streaming platforms –