शीर बद्र को उर्दू शायरी के एक बड़े नाम हैं. आज उनकी शायरी “राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं” पढ़े और इसे गीत के रूप में भी सुने. यूट्यूब का लिंक नीचे है.
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
उसको तलाश करते रहे जो मिला नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया
बेआस खिड़कियाँ है सितारे उदास है
बेआस खिड़कियाँ है सितारे उदास है
आंखो में आज नींद का कोसो पता नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
उसको तलाश करते रहे जो मिला नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया
दिल में उसी तराह से है बचपन की एक याद
दिल में उसी तराह से है बचपन की एक याद
शायद अभी कली को हवा ने छुआ नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
उसको तलाश करते रहे जो मिला नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया
चेहरे पे आंसुओं ने लिखी है कहानिया
चेहरे पे आंसुओं ने लिखी है कहानिया
आईना देखने का मुझे होंसला नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
उसको तलाश करते रहे जो मिला नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया कुछ पता नहीं
राहों में कौन आया गया.