His ghazals, many sung by Jagjit Singh, are very popular. He has been awarded with the “Firaq Gorakhpuri International Award”, the Kalidas gold medal (by the Haryana government, in recognition for his services in the field of Urdu poetry); the Begum Akhtar Kala Dharmi award; and the Naseem-e-Urdu award.
Barelvi is Vice Chairman of the National Council for Promotion of Urdu Language (NCPUL). He has also performed at Culrav 2012 (the cultural event of NIT Allahabad). He is also Member of Legislative Council of Uttar Pradesh since 2016.
ज़ाहिद हसन (वसीम बरेलवी) एक प्रसिद्ध उर्दू शायर हैं जो बरेली के हैं. उर्दू शायरी के ये एक बेहद प्रसिद्ध शायर हैं. जगजीत सिंह से लेकर गुलाम अली तक ने इनकी ग़ज़लें गाई हैं.
Waseem Barelvi Shayari and Poems
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Some Latest Added Poems of Waseem Barelvi
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- क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता – वसीम बरेलवी
- कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा – वसीम बरेलवी
- रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे – वसीम बरेलवी
- कही-सुनी पे बहुत एतबार करने लगे – वसीम बरेलवी
- खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं – वसीम बरेलवी
- मैं इस उम्मीद पे डूबा के तू बचा लेगा – वसीम बरेलवी
- उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है – वसीम बरेलवी
- जरा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है – वसीम बरेलवी
- उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है – वसीम बरेलवी
- कौन-सी बात कहाँ , कैसे कही जाती है – वसीम बरेलवी