मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला – बशीर बद्र

Mohabbaton Mein Dikhawe Ki Dosti – This famous ghazal is penned by Basheer Badr and sung by Jagjit singh. Music has also been composed by Jagjit Singh

बशीर बद्र Basheer Badr

Singer – Jagjit Singh
Lyrics – Basheer Badr

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला Lyrics

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला

घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी ना मिला

तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड आया था
फिर इसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिला

बहुत अजीब है ये कुरबतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिला

खुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने
बस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला

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