इन्साइट – जगजीत सिंह

Insight Album is an Album released by Jagjit Singh in the year 1993. These songs were composed by him and the songs were written by Nida Fazli.

इन्साइट - जगजीत सिंह | Insight - Jagjit Singh

Album: Insight
Music: Jagjit Singh
Singer: Jagjit Singh
Lyrics: Nida Fazli

Muh Ki Baat Sune Har Koi

मुहँ की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाजों के बाजारों में ख़ामोशी पहचाने कौन

सदियों सदियों वही तमाशा, रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन !

वो मेरा आईना है और मैं उसकी परछाई हूँ
मेरे घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन

किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींद
धीमे धीमे बिखर रहा है, ज़र्रा ज़र्रा जाने कौन

मुहँ की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाजों के बाजारों में ख़ामोशी पहचाने कौन

Chand Se Phool Se 

चाँद से फूल से या मेरी जुबां से सुनिए,
हर तरफ आप का किसा जहां से सुनिए,

सब को आता है दुनिया को सता कर जीना,
ज़िंदगी क्या मुहब्बत की दुआ से सुनिए,

मेरी आवाज़ पर्दा मेरे चहरे का,
मैं हूँ खामोश जहां मुझको वहां से सुनिए,

क्या ज़रूरी है की हर पर्दा उठाया जाए,
मेरे हालात अपने अपने मकान से सुनिए..

Jeevan Kya Hai Chalta Phirta 

जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है
दो आँखो मे एक से हसँना एक से रोना है

जो जी चाहे वो मिल जाये कब ऐसा होता है
हर जीवन जीवन जीने का समझौता है
अब तक जो होता आया है वो ही होना है

रात अन्धेरी भोर सुहानी यही ज़माना है
हर चादर मे दुख का ताना सुख का बाना है
आती साँस को पाना जाती साँस को खोना है

Badne Na Apne Aap Ko

बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे

ढुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम
थोड़ी बहुत तो ज़हन मे नाराज़गी रहे

अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी करीब रहे दुर ही रहे

गुज़रो जो बाग से तो दुआ मांगते चलो
जिसमे खिले है फुल वो डाली हरी रहे

अपना गम ले के कही और ना जाया जाये
घर मे बिखरी हुई चीजो को सजाया जाये

जिन चिरागो को हवाओ का कोई खौफ़ नही
ऊन चिरागो को हवाओ से बचाया जाये

बाग मे जाने के आदाब हुआ करते है
किसी तित्ली को न फूलो से उडाया जाये

घर से मस्जिद है बहुत दुर चलो यू कर ले
किसी रोते हुये बच्चे को हसँया जाये

Listen this Album Songs on – Spotify, Jio Saavn, Youtube Music.