एक तो चेहरा ऐसा हो – फ़रहत शहज़ाद

पढ़िए मशहूर शायर फरहत शहजाद की लिखी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल जिसका शीर्षक है – एक तो चेहरा ऐसा हो

Farhat Shahzad

एक तो चेहरा ऐसा हो – फ़रहत शहज़ाद

एक तो चेहरा ऐसा हो
मेरे लिए जो सजता हो

शाम ढले एक दरवाज़ा
राह मेरी भी तकता हो

मेरा दुःख वो समजेगा
मेरी तरह जो तनहा हो

एक सुहाना मुस्तकबिल
ख़ाब सा जैसे देखा हो

अब ‘शहज़ाद’ वो दीपक है
जो तूफ़ान में जलता हो