आँखों में कोई ख़्वाब उतरने नहीं देता – मोहसिन नकवी

मोहसिन नकवी उर्दू शायरी के एक बड़े नाम वाले शायर हैं. उनकी लिखी हुई एक ग़ज़ल आज पढ़िए – “आँखों में कोई ख़्वाब उतरने नहीं देता”

Mohsin Naqvi

आँखों में कोई ख़्वाब उतरने नहीं देता
ये दिल कि मुझे चैन से मरने नहीं देता

बिछड़े तो अजब प्यार जताता है ख़तों में
मिल जाये तो फिर हद से गुजरने नहीं देता

वो शख्स खिजाँ रुत में भी मोहतात रहे कितना
सूखे हुए फूलों को बिखरने नहीं देता

इक रोज़ तेरी प्यास खरीदेगा वो गबरू!
पानी तुझे पनघट से जो भरने नहीं देता

वो दिल में तबस्सुम की किरण घोलने वाला
रूठे तो रूतों को भी सँवरने नहीं देता

मैं उस को मनाऊं कि गम-ए-दहर से उलझूं?
“मोहसिन” वो कोई काम भी करने नहीं देता.