Wo Nahi Mila To Malaal Kya (वो नही मिला तो मलाल क्या) – This famous ghazal is penned by Basheer Badr and sung by Jagjit Singh.
वो नही मिला तो मलाल क्या, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
उसे याद करके ना दिल दुखा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
ना गिला किया ना ख़फ़ा हुए, युँ ही रास्ते में जुदा हुए
ना तू बेवफ़ा ना मैं बेवफ़ा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
तुझे एतबार-ओ-यकीं नहीं, नहीं दुनिया इतनी बुरी नहीं
ना मलाल कर, मेरे साथ आ, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
वो वफ़ाएँ थीं, के जफ़ाएँ थीं, ये ना सोच किस की ख़ताएँ थीं
वो तेरा हैं, उसको गले लगा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
वो ग़ज़ल की कोई किताब था , वो गुलों में एक गुलाब था
ज़रा देर का कोई ख़्वाब था, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ, न सुना सुना के उदास कर
तू खिज़ाँ का फूल है, मुस्कुरा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
वो उदास धूप समेट कर कहीं वादियों में उतर चुका
उसे अब न दे मिरे दिल सदा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
ये सफ़र भी किताना तवील है , यहाँ वक़्त कितना क़लील है
कहाँ लौट कर कोई आएगा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
कोई फ़र्क शाह-ओ-गदा नहीं, कि यहाँ किसी को बक़ा नहीं
ये उजाड़ महलों की सुन सदा , जो गुज़र गया सो गुज़र गया
अर्थ
शाह-ओ-गदा = राजा और भिखारी
बक़ा = नित्यता, अस्तित्व, सलामती
सदा = आवाज़
तवील = लम्बा, विस्तृत
क़लील = अल्प, थोड़ा
सदा = आवाज़
मलाल = दुःख, रंज
गिला = उलाहना, शिकायत
जफ़ा = सख्ती, जुल्म, अत्याचार
खिज़ाँ = पतझड़
Wo Nahi Mila To Malaal Kya
Wo nahi mila to malaal kya, jo guzar gaya so guzar gaya
Use yaad karke na dil dukha, jo guzar gaya so guzar gaya
Na gila kiya na khafa hue, yunhi raaste mein judaa hue
Na tu bewafa na main bewafa, jo guzar gaya so guzar gaya
Tujhe aitbaar-o-yakeen nahi, nahi duniya itani buri nahi
Na malaal kar mere saath aa, jo guzar gaya so guzar gaya
Wo wafaayen thiN ke jafaayen thiN, ye na soch kiski khataayen thiN
Wo tera hai usko gale laga, jo guzar gaya so guzar gaya