इब्न-ए-इंशा पाकिस्तान के मशहूर वामपंथी कवि और लेखक हैं. उनकी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल पढ़ें जिसका शीर्षक है “ख़याल कीजिये क्या काम आज मैं ने किया”.
ख़याल कीजिये क्या काम आज मैं ने किया|
जब उन्ने दी मुझे गाली सलाम मैं ने किया|
कहा ये सब्र ने दिल से के लो ख़ुदाहाफ़ीज़,
के हक़-ए-बंदगी अपना तमाम मैं ने किया|
झिड़क के कहने लगे लब चले बहुत अब तुम,
कभी जो भूल के उनसे कलाम मैं ने किया|
हवस ये रह गई साहिब ने पर कभी न कहा,
के आज से तुझे “इंशा” ग़ुलाम मैंने किया|