फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे. वे उर्दू शायरी के सबसे बड़े नाम में गिने जाते हैं. उनकी एक ग़ज़ल सुनिए – “हम मुसाफिर युँही मसरूफे सफर जायेंगे”.
हम मुसाफिर युँही मसरूफे सफर जायेंगे,
बेनिशाँ हो गए जब शहर तो घर जायेंगे
किस कदर होगा यहाँ मेहर-ओ-वफा का मातम
हम तेरी याद से जिस रोज़ उतर जायेंगे
जौहरी बंद किये जाते हैं बाज़ारे-सुखन,
हम किसे बेचने अलमास-ओ-गुहर जायेंगे
शायद अपना ही कोई बैत, हुदी-खवाँ बनकर
साथ जायेगा मेरे यार जिधर जायेंगे
“फैज़” आते हैं राहे-इशक में जो सखत मकाम,
आने वालों से कहो हम तो गुज़र जायेंगे………..