Ab to ghabaraa ke ye kahate(अब तो घबरा के ये कहते हैं) – ज़ौक़ की मशहूर ग़ज़ल आज पढ़िए. नीचे इसी ग़ज़ल का एक विडियो लिंक दिया गया है, जिसमें आप जगजीत सिंह जी की आवाज़ में ये ग़ज़ल सुन सकेंगे.
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे
मर गये पर न लगा जी तो किधर जायेंगे
सामने-चश्मे-गुहरबार के, कह दो, दरिया
चढ़ के अगर आये तो नज़रों से उतर जायेंगे
ख़ाली ऐ चारागरों होंगे बहुत मरहमदान
पर मेरे ज़ख्म नहीं ऐसे कि भर जायेंगे
पहुँचेंगे रहगुज़र-ए-यार तलक हम क्योंकर
पहले जब तक न दो-आलम से गुज़र जायेंगे
आग दोजख़ की भी हो आयेगी पानी-पानी
जब ये आसी अरक़-ए-शर्म से तर जायेंगे
हम नहीं वह जो करें ख़ून का दावा तुझपर
बल्कि पूछेगा ख़ुदा भी तो मुकर जायेंगे
रुख़े-रौशन से नक़ाब अपने उलट देखो तुम
मेहरो-मह नज़रों से यारों के उतर जायेंगे
‘ज़ौक़’ जो मदरसे के बिगड़े हुए हैं मुल्ला
उनको मैख़ाने में ले लाओ, सँवर जायेंगे
Ab To Ghabaraa Ke Ye Kahate
Ab to ghabaraa ke ye kahate hain ki mar jaayenge
Mar gaye par n lagaa jii to kidhar jaayenge
Saamane-chashme-guharabaar ke, kah do, dariyaa
Chadh ke agar aaye to najron se utar jaayenge
Khaalii ai chaaraagaron honge bahut marahamadaan
Par mere jkhm nahiin aise ki bhar jaayenge
Pahunchenge rahagujr-e-yaar talak ham kyonkar
Pahale jab tak n do-aalam se gujr jaayenge
Aag dojakh kii bhii ho aayegii paani-paani
Jab ye aasii arak-e-sharm se tar jaayenge
Hum nahiin vah jo karen khoon kaa daavaa tujhapar
Balki poochhegaa khudaa bhii to mukar jaayenge
Rukhe-raushan se nakaab apane ulaT dekho tum
Meharo-mah najron se yaaron ke utar jaayenge
‘Zauk’ jo madarase ke bigade hue hain mullaa
Unako maikhaane men le laao, sanvar jaayenge