Nida Fazli is a poet of various moods and to him the creative sentiment and inner urge are the sources of poetry. He thinks that the feeling of a poet is similar to an artist: like a painter or a musician. In contrast he found lyric writing a mechanical job as he had to fulfil the demands of the script and the director. Later he accepted the practical necessity of money which comes from lyric writing and helps one to ponder on creative work.
निदा फ़ाज़ली हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे। फ़िल्म प्रोड्यूसर-निर्देशक-लेखक कमाल अमरोही उन दिनों फ़िल्म रज़िया सुल्ताना (हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र अभिनीत) बना रहे थे जिसके गीत जाँनिसार अख़्तर लिख रहे थे जिनका अकस्मात निधन हो गया। जाँनिसार अख़्तर ग्वालियर से ही थे और निदा के लेखन के बारे में जानकारी रखते थे जो उन्होंने शत-प्रतिशत शुद्ध उर्दू बोलने वाले कमाल अमरोही को बताया हुआ था। तब कमाल अमरोही ने उनसे संपर्क किया और उन्हें फ़िल्म के वो शेष रहे दो गाने लिखने को कहा जो कि उन्होंने लिखे। इस प्रकार उन्होंने फ़िल्मी गीत लेखन प्रारम्भ किया और उसके बाद इन्होने कई हिन्दी फिल्मों के लिये गाने लिखे।
(Source: As read on Wikipedia)
Nida Fazli Shayari and Poems
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Some Latest Added Poems of Nida Fazli
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- Tu Dil Ki Khushi Lyrics – Sur
- Aao Tumhe Ek Nayi Baat Lyrics – Sur
- Jaane Kya Dhoondta Hai Lyrics – Sur
- Khoya Hai Tune Jo Ae Dil Lyrics – Sur
- Aa Bhi Jaa Lyrics – Sur
- वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की – निदा फ़ाज़ली
- बस, इसी एक ज़ुर्म पर – निदा फ़ाज़ली
- कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे – निदा फ़ाज़ली
- कच्चे बखिए की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं – निदा फ़ाज़ली
- जाने वालों से राब्ता रखना – निदा फ़ाज़ली
Some of the best Nida Fazli Sher Shayari
- दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती
ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वालाबे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जातादुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिएसफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलोदुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना हैहोश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ हैधूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखोहर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना