क्या टूटा है अन्दर अन्दर – फरहत / मेहदी हसन

Kya Toota Hai Andar Andar- This ghazal has been penned by renowed shayar Farhat Shahzad. Mehdi Hassan has sung this ghazal. This ghazal is the part of the album “Kahna Usey”.

Song Name – Kya Toota Hai Andar Andar
Singer – Mehdi Hassan
Lyrics – Farhat Shahzad

Kahna usey mehdi hassan farhat shazad

क्या टूटा है अन्दर अन्दर

क्या टूटा है अन्दर अन्दर, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
तनहा तनहा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया?

चुपके चुपके सुलग रहे थे, याद में उनकी दीवाने
इक तारे ने टूट के यारों, क्या उनको समझाया है?

रंग बिरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यूं इतने चुप चुप हो?
भूल भी जाओ पागल लोगों, क्या खोया क्या पाया है

शेर कहाँ है खून है दिल का, जो लफ्जों में बिखरा है
दिल के ज़ख्म दिखा कर हमने, महफ़िल को गरमाया है

अब ‘शहजाद’ ये झूठ न बोलो, वो इतने बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को अभी परखो, गर इलज़ाम लगाया है

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