ख़ाली जगह – अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी. प्रस्तुत है उनकी एक बेहद चर्चित और खूबसूरत कविता जिसका शीर्षक है – “ख़ाली जगह “.

Amrita Preetam

सिर्फ़ दो रजवाड़े थे –
एक ने मुझे और उसे
बेदखल किया था
और दूसरे को
हम दोनों ने त्याग दिया था।

नग्न आकाश के नीचे –
मैं कितनी ही देर –
तन के मेंह में भीगती रही,
वह कितनी ही देर
तन के मेंह में गलता रहा।

फिर बरसों के मोह को
एक ज़हर की तरह पीकर
उसने काँपते हाथों से
मेरा हाथ पकड़ा!
चल! क्षणों के सिर पर
एक छत डालें
वह देख! परे – सामने उधर
सच और झूठ के बीच –
कुछ ख़ाली जगह है…