फूलों ने होली – केदारनाथ अग्रवालBy MahfilHindi Poetry महफ़िल की तरफ से इस साल होली पर्व के मौके पर पेश है कुछ कवितायेँ और गज़लें फूलों ने होली फूलों से खेलीलाल गुलाबी पीत-परागी रंगों की रँगरेली पेलीकाम्य कपोली कुंज किलोली अंगों की अठखेली ठेलीमत्त मतंगी मोद मृदंगी प्राकृत कंठ कुलेली रेलीShareFacebookTwitterPinterestWhatsApp TagsHoli SpecialKedarnath AgarwalSpecials By MahfilRecently Added Poems! मेरी भी आभा है इसमें – नागार्जुनशासन की बंदूक – नागार्जुनचंदू, मैंने सपना देखा – नागार्जुनमोटे सलाखों वाली काली दीवार के उस पार – नागार्जुनMost Read!तन तो आज स्वतंत्र हमारा, लेकिन मन आज़ाद नहीं है – गोपालदास “नीरज”सारस अकेले – अज्ञेयऊषा के सँग, पहिन अरुणिमा – माखनलाल चतुर्वेदीरजनीगन्धा मेरा मानस – अज्ञेय