Read the poem “Jo Tum Bhul Jaao” by Shamsher Bahadur Singh. शमशेर बहादुर सिंह सम्पूर्ण आधुनिक हिन्दी कविता में एक अति विशिष्ट कवि के रूप में मान्य है. उनकी एक चर्चित कविता “जो तुम भूल जाओ तो हम भूल जाएँ” पढ़े.
यहाँ कुछ रहा हो तो हम मुँह दिखाएँ
उन्होंने बुलाया है क्या ले के जाएँ
कुछ आपस में जैसे बदल-सी गयी हों
हमारी दुआएँ तुम्हारी बलाएँ
तुम एक खाब थे जिसमें खुद खो गये हम
तुम्हें याद आएँ तो क्या याद आएँ
वो एक बात जो जिंदगी बन गयी है
जो तुम भूल जाओ तो हम भूल जाएँ
वो खामोशियाँ जिनमें तुम हो न हम हैं
मगर हैं हमारी तुम्हारी सदाएँ
बहुत नाम हैं एक ‘शमशेर’ भी है
किसे पूछते हो, किसे हम बताएँ