Read Sarveshwar Dayal Saxena’s famous poem “Chandani Ki Paraten”. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना बेहद प्रतिष्ठित कवि एवं साहित्यकार थे. उनकी कविता, “चाँदनी की पाँच परतें” पढ़े.
चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है ।
एक जल में,
एक थल में,
एक नीलाकाश में ।
एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती,
एक मेरे बन रहे विश्वास में ।
क्या कहूँ , कैसे कहूँ…..
कितनी ज़रा सी बात है ।
चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है ।
एक जो मैं आज हूँ,
एक जो मैं हो न पाया,
एक जो मैं हो न पाऊँगा कभी भी,
एक जो होने नहीं दोगी मुझे तुम,
एक जिसकी है हमारे बीच यह अभिशप्त छाया ।
क्यों सहूँ, कब तक सहूँ….
कितना कठिन आघात है ।
चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है ।