पहचान – अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी. प्रस्तुत है उनकी एक बेहद चर्चित और खूबसूरत कविता जिसका शीर्षक है – पहचान

Amrita Preetam

पहचान

तुम मिले
तो कई जन्म
मेरी नब्ज़ में धड़के
तो मेरी साँसों ने तुम्हारी साँसों का घूँट पिया
तब मस्तक में कई काल पलट गए–

एक गुफा हुआ करती थी
जहाँ मैं थी और एक योगी
योगी ने जब बाजुओं में लेकर
मेरी साँसों को छुआ
तब अल्लाह क़सम!
यही महक थी जो उसके होठों से आई थी–
यह कैसी माया कैसी लीला
कि शायद तुम ही कभी वह योगी थे
या वही योगी है–
जो तुम्हारी सूरत में मेरे पास आया है
और वही मैं हूँ… और वही महक है…