युग की उदासी – हरिवंशराय बच्चन

हरिवंश राय बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावद काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं. उनकी एक हिंदी कविता पढ़ें जिसका शीर्षक है – युग की उदासी

Harivansh Rai Bachchan

अकारण ही मैं नहीं उदास

अपने में ही सिकुड सिमट कर
जी लेने का बीता अवसर
जब अपना सुख दुख था, अपना ही उछाह उच्छ्वास
अकारण ही मैं नहीं उदास

अब अपनी सीमा में बंध कर
देश काल से बचना दुष्कर
यह संभव था कभी नही, पर संभव था विश्वास
अकारण ही मैं नहीं उदास

एक सुनहरे चित्रपटल पर
दाग लगाने में है तत्पर
अपने उच्छृंखल हाथों से, उत्पाती इतिहास
अकारण ही मैं नहीं उदास