Trilochan was an eminent hindi poet who was widely popular. Read his hindi poem “Vida Kiya Tha Tab Kaha”. त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य प्रगतिशील काव्यधारा का एक स्तम्भ माना जाता है. पढ़िए उनकी लिखी एक कविता “विदा किया तब कहा कि यह लाना वह लाना”
विदा किया तब कहा कि यह लाना वह लाना,
ग्वैड़े आया, और हाथ दोनों हैं ख़ाली;
सजी ख़ूब थी हाट, मगर मुश्किल था पाना
पैसों बिना। “जानती हो, मुझको ख़ुशहाली
जैसे यहाँ वहाँ भी न थी”— क्या यही कह दूँ।
कितनी ठेस लगेगी उसको। अपने मन में
क्या क्या सोचे बैठी होगी । कैसे चह दूँ
बाँध बात से। ऐसे भी मनुष्य हैं जन्मे
दुनिया में, जिनको दुर्लभ है कानी कौड़ी।
प्यार उन्हें भी मिलता है, सुख का कोलाहल
उन्हें नहीं सुन पड़ता है, विपत्ति ही दौड़ी
दौड़ी उन्हें भेंटती है, करती है विह्वल।
क्या दूँ क्या दूँ क्या दूँ क्या दूँ क्या दूँ क्या दूँ
अपनी पहुँच में कहाँ, क्या है, जो मैं ला दूँ।