सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हिन्दी कवि एवं साहित्यकार थे। जब उन्होंने दिनमान का कार्यभार संभाला तब समकालीन पत्रकारिता के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझा और सामाजिक चेतना जगाने में अपना अनुकरणीय योगदान दिया।
सर्वेश्वर मानते थे कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता। सर्वेश्वर की यह अग्रगामी सोच उन्हें एक बाल पत्रिका के सम्पादक के नाते प्रतिष्ठित और सम्मानित करती है।
Sarweshwar Dayal Saxena Poems
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Some Latest Added Poems of Sarweshwar Dayal Saxena
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- एक सूनी नाव – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- कितना अच्छा होता है – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- चाँदनी की पाँच परतें – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- चलो घूम आयें – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- हँसा ज़ोर से जब – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- सूरज को नही डूबने दूंगा – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- मुक्ति की आकांक्षा – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- मेघ आए – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- सब कुछ कह लेने के बाद – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- एक छोटी सी मुलाकात – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
Sarweshwar Dayal Saxena Ebook
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की दो ई-बुक हमारे पास उपलब्ध है, जिसे आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा डाउनलोड कर सकते हैं..