He was awarded the first Sahitya Akademi Award in Hindi for his work Him Taringini in 1955. The Government of India awarded him the civilian honour of the Padma Bhushan in 1963.
माखनलाल चतुर्वेदी भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए।
इसके लिये उन्हें अनेक बार ब्रिटिश साम्राज्य का कोपभाजन बनना पड़ा। वे सच्चे देशप्रमी थे और १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए। उनकी कविताओं में देशप्रेम के साथ-साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है।
(Source: As read on Wikipedia)
Makhan Lal Chaturvedi Poems
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Some Latest Added Poems of Makhan Lal Chaturvedi
- जागना अपराध – माखनलाल चतुर्वेदी
- यह किसका मन डोला – माखनलाल चतुर्वेदी
- बसंत मनमाना – माखनलाल चतुर्वेदी
- दूबों के दरबार में – माखनलाल चतुर्वेदी
- तान की मरोर – माखनलाल चतुर्वेदी
- लड्डू ले लो – माखनलाल चतुर्वेदी
- तुम मन्द चलो – माखनलाल चतुर्वेदी
- चलो छिया-छी हो अन्तर में – माखनलाल चतुर्वेदी
- एक तुम हो – माखनलाल चतुर्वेदी
- बदरिया थम-थमकर झर री ! – माखनलाल चतुर्वेदी