नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नागार्जुन ने मैथिली में यात्री उपनाम से लिखा तथा यह उपनाम उनके मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र के साथ मिलकर एकमेक हो गया।
(Source: As read on Wikipedia)
Baba Nagarjuna Poems
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Some Latest Added Poems of Baba Nagarjunna
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- प्रेत का बयान – नागार्जुन
- आओ रानी – नागार्जुन
- घिन तो नहीं आती है – नागार्जुन
- जी हाँ , लिख रहा हूँ – नागार्जुन
- इन घुच्ची आँखों में – नागार्जुन
- तीनों बन्दर बापू के – नागार्जुन
- बाकी बच गया अण्डा – नागार्जुन
- मोटे सलाखों वाली काली दीवार के उस पार – नागार्जुन
- चंदू, मैंने सपना देखा – नागार्जुन
- शासन की बंदूक – नागार्जुन