Naiya Padi Majhadhar Lyrics – Kabir

Naiya Padi Majdhar Lyrics – The Kabir Bhajan Naiya Padi Majdhar has been sung by Shobha Gurtu. The bhajan is composed by Aneesh Pradhan, Dhrubajyoti Ghosh and P Walawalkar.

Naiya Padi Majhadhar Lyrics - Kabir

Hari Bhajan: Naiya Padi Majdhar
Album Name: Prem Ras
Singer: Shobha Gurtu
Composer: Aneesh Pradhan, Dhrubajyoti Ghosh, P. Walawalkar
Lyricist: Traditional
Music Label: T-Series

Naiya Padi Majdhar Lyrics in Hindi (नैया पड़ी मंझधार)

नैया पड़ी मंझधार ,
हरी बिन कैसे लागे पार।
गुरु बिन कैसे लागे पार।

मैं अपराधी जनम जनम का,
मन में भरा विकार।
तुम दाता, दुःख भंजना ,
मेरी करो संभार।
गुरु बिन कैसे लागे पार।
नैया पड़ी …..

अवगुण दास कबीर के,
बहुत है गरीब नवाज।
जो मैं पूत कपूत हूँ,
कहौं पिता की लाज।
गुरु बिन कैसे लागे पार।
नैया पड़ी …..

अन्तर्यामी एक तुम्ही हो,
जीवन के आधार।
जो तुम छोड़ो हाथ प्रभु जी,
कौन उतारे पार।
गुरु बिन कैसे लागे पार।
नैया पड़ी …..

साहिब तुम मत भूलियो,
लाख लोग मिल जाये।
हम से तुम्हरे बहुत हैं,
तुम सो हमरो नाही।
गुरु बिन कैसे लागे पार।
नैया पड़ी …..

नैया पड़ी मंझधार,
हरी बिन कैसे लागे पार।
गुरु बिन कैसे लागे पार।

Naiya Padi Majdhar Video 

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