Mann Ram Sumari Pachhtayega Lyrics – The Kabir Bhajan Mann Ram Sumari Pachhtayega is sung by Anup Jalota while Shank and Neel has composed the music. Mann Ram Sumari Pachhtayega Lyrics is another Kabir Bhajan Gem.
Title : Mann Ram Sumari Pachhtayega Lyrics
Album: Kahat Kabir
Singer : Anup Jalota
Music : Shank, Neel
Lyrics : Traditional & Commentary – Pt Kiran Mishra
Recorded By : Hassan Shaikh
Mann Ram Sumari Pachhtayega Lyrics in Hindi
Read the Mann Ram Sumari Pachhtayega Lyrics in Hindi Font, given below –
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
पापी जीयरा लोभ करत है,
आज काल उठ जायेगा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
लालच लागे जनम गवाँया,
माया भरम भुलायेगा,
लालच लागे जनम गवाँया,
माया भरम भुलायेगा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
धन जोबन का गरब (गर्व) कीजिये,
कागद ज्यों गल जाएगा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
जो जम आए केश गह पटके,
ता दिन किछ ना बसाहिन्गा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
सिमरन भजन दया नहीं किन्हीं,
तो मुख चोटा खायेगा,
पछतायेगा, पछतायेगा
मन राम सिमर, मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
सिमरन भजन दया नही किनी,
तो मुख चोटा खाहिगा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
धरम राय जब लेखा माँगे,
क्या मुखु ले के जाएगा,
कहत कबीर सुनों रे संतों
साध संगत तर जाएगा,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।
मन राम सिमरु मन राम सिमर,
पछतायेगा, पछतायेगा।