अटल बिहारी वाजपेयी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री थे जो एक विशिष्ट कवि भी थे. आज उनकी एक कविता जिसे गाया है जगजीत सिंह जी ने और जिसका संगीत भी उन्होंने दिया है. यह अल्बम संवेदना से लिया गया है.
Kadam Milakar Chalna Hoga is a poetry by former PM and a poet Atal Bihar Vajpayee. The poetry has been sung and composed by Jagjit singh.
Song: Kadam Milakar Chalna Hoga
Album Title: Samvedna
Artist: Jagjit Singh
Music Director: Jagjit Singh
Lyricist: Atal Bihari Vajpayee
Kadam Milakar Chalna Hoga – Atal Bihar Vajpayee
बाधाएँ आती हैं आएँ,
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों से हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
हास्य-रुदन में, तूफ़ानों में,
अमर असंख्यक बलिदानों में,
उद्द्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में,
कल कछार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को दलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
सम्मुख फैला अमर ध्येय पथ,
प्रगति चिरंतन, कैसा इति अथ,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
कुछ काँटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुबन,
परहित अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
Kya Khoya Kya Paaya Lyrics (Roman)
Kya khoya, kya paya jag mein,
Milte aur bichadte maag mein,
Mujhe kisi se nahi shikayat,
Yadhyapi chala gaya pag pah main,
Ek darishti beeti par dale,
Yado ki potali tatole,
Kya khoya, kya paya jag mein,
Parithvi lakho varsh purani,
Jevaan ek anant kahani,
Par tan ki apni semaye,
Yadhyapi soo shardon ki vani,
Itna kafi hai aantim dastak,
Par khud darwaja khole,
Janam-maran ka avirt phera,
Jevaan banjaro ka dera,
Kya khoya, kya paya jag mein,
Aaj yah, kal kaha kauch hai,
Kaun janta, kidhar sawera,
Aandhiyara aakash asemit,
Prano ke pankho ko toole,
Aapne hi maan se kuch boole
Kya khoya, kya paya jag mein.