Turpeya Lyrics from the movie Bharat is sung by Sukhwinder Singh and Vishal Shekhar. The lyrics of Turpeya has been composed by Irshad Kamil and song has been composed by Vishal Shekhar.
Song: Turpeya
Artists: Vishal and Shekhar featuring Sukhwinder Singh.
Lyricist: Irshad Kamil
Music Producer: Abhijit Nalani
Turpeya Lyrics – Bharat
Char paise kamawan li
Main aaya ghar se door
Ghar se door main aaya lekin
Ghar na mujhse door
Dekh mere vatoye vich
Dil de mere vatoye vich
Ab bhi ghar da photo
Seena cheer ke chakkar lena
Doubt jo koi ho toh
Ke main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Ke main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Sab mil gaya, par na mila
Ghar jaisa koi suroor
Main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Ho… rose pipe pigdi pardeson mein nahi
Baat jhappi wali sandeson mein nahi
Fursaton bhara shama
Haan milta hai yahan
Rishton mein garmahat waisi lagti yahan kahan
Haaye char paise bachawan layi
Main turpeya, o main turpeya
Hoye ghar pe khushi liyawan layi
Main turpeya, haye main turpeya
Maine yahan pe aake jaana
Thaune jaisa mulk begana
Kismat wala hai joh pichhe
Mud gaya, mud gaya, mud gaya…
Main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Ke main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Ho… dhup kheton ki woh, yaadon mein abhi
Ek ladki jaisi, lagti thi woh kabhi
Garmiyan nigaah mein, meethi si ada
Ab bhi hai apna dil uspe pehle jaisa fida
Oye… yaar mujhko piyawan nahi
Main turpeya, main turpeya
Usko pass bhulawan nahi
Main turpeya, o main turpeya
Dekhe jag de masti tere
Par woh dil mein basti mere
Yaad mein jiski yeh dil yunhi
Bhar gaya, bhar gaya, bhar gaya…
Main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Ke main turpeya, main turpeya
Main turpeya ghar se door
Ke main turpeya, main turpeya
Par jaana laut zaroor
Main turpeya, main turpeya
Turpeya Lyrics – Bharat – Hindi Font
चार पैसे कमावन लि
मैं आया घर से दूर
घर से दूर मैं आया लेकिन
घर ना मुझसे दूर
देख मेरे वतोये विच
दिल दे मेरे वतोये विच
अब भी घर दा फोटो
सीना चीर के चक्कर लेना
डाउट जो कोई हो तो
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
सब मिल गया, पर ना मिला
घर जैसा कोई सुरूर
मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
हो.. रोज पाइप पिगदी परदेसों में नहीं
बात झप्पी वाली संदेशों में नहीं
फुरसतों भरा शमा
हाँ मिलता है यहाँ
रिश्तों में गर्माहट वैसी लगती यहाँ कहाँ
हाय चार पैसे बचावां लायी
मैं तुर्पेया, ओ मैं तुर्पेया
होए घर पे ख़ुशी लियावां लई
मैं तुर्पेया, हाय मैं तुर्पेया
मैंने यहाँ पे आके जाना
थौने जैसा मुल्क बेगाना
किस्मत वाला है जो पीछे
मुड़ गया, मुड़ गया, मुड़ गया..
मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
हो.. धुप खेतों की वो, यादों में अभी
एक लड़की जैसी, लगती थी वो कभी
गर्मियाँ निगाह में, मीठी सी अदा
अब भी अपना दिल उसपे पहले जैसा फ़िदा
ओये.. यार मुझको पियावां नहीं
मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
उसको पास भुलावां नहीं
मैं तुर्पेया, ओ मैं तुर्पेया
देख जग दे मस्ती तेरे
पर वो दिल में बस्ती मेरे
याद में जिसकी ये दिल यूँही
भर गया, भर गया, भर गया
मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
मैं तुर्पेया घर से दूर
के मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया
पर जाना लौट ज़रूर
मैं तुर्पेया, मैं तुर्पेया