हरिवंश राय बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावद काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं. उनकी एक हिंदी कविता पढ़ें जिसका शीर्षक है – किस कर में यह वीणा धर दूँ
किस कर में यह वीणा धर दूँ – हरिवंशराय बच्चन
देवों ने था जिसे बनाया,
देवों ने था जिसे बजाया,
मानव के हाथों में कैसे इसको आज समर्पित कर दूँ?
किस कर में यह वीणा धर दूँ?
इसने स्वर्ग रिझाना सीखा,
स्वर्गिक तान सुनाना सीखा,
जगती को खुश करनेवाले स्वर से कैसे इसको भर दूँ?
किस कर में यह वीणा धर दूँ?
क्यों बाकी अभिलाषा मन में,
विकृत हो यह फिर जीवन में?
क्यों न हृदय निर्मम हो कहता अंगारे अब धर इस पर दूँ?
किस कर में यह वीणा धर दूँ?