जनता का बल – केदारनाथ अग्रवाल

केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिशील काव्य-धारा के एक प्रमुख कवि हैं. आज उनकी एक बेहद खूबसूरत हिंदी कविता पढ़िए – जनता का बल.

Kedarnath Agarwal

जनता का बल – केदारनाथ अग्रवाल

मुझे प्राप्त है जनता का बल
वह बल मेरी कविता का बल
मैं उस बल से
शक्ति प्रबल से
एक नहीं-सौ साल जिऊँगा
काल कुटिल विष देगा तो भी
मैं उस विष को नहीं पिऊँगा!

मुझे प्राप्त है जनता का स्वर
वह स्वर मेरी कविता का स्वर
मैं उस स्वर से
काव्य-प्रखर से
युग-जीवन के सत्य लिखूँगा
राज्य अमित धन देगा तो भी
मैं उस धन से नहीं बिकूँगा!