Jagjit’s Samvedna – Poetry By Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री थे जो एक विशिष्ट कवि भी थे. आज उनकी कुछ कवितायें जिसे गाया है जगजीत सिंह जी ने और जिसका संगीत भी उन्होंने दिया है. यह सारे अल्बम संवेदना से हैं.

Kadam Milakar Chalna Hoga - Jagjit Singh, Atal Bihari Vajpayee

Presenting poetries from album Samvedna, collection of poetry by former PM and a poet Atal Bihar Vajpayee. The poetries has been sung and composed by Jagjit singh.

Jeevan Beet Chala – Atal Bihar Vajpayee

Song: Jeevan Beet Chala
Album Title: Samvedna
Artist: Jagjit Singh
Music Director: Jagjit Singh
Lyricist: Atal Bihari Vajpayee

जीवन बीत चला

कल कल करते आज
हाथ से निकले सारे
भूत भविष्य की चिंता में
वर्तमान की बाज़ी हारे
पहरा कोई काम न आया
रसघट रीत चला
जीवन बीत चला

हानि लाभ के पलड़ों में
तुलता जीवन व्यापार हो गया
मोल लगा बिकने वाले का
बिना बिका बेकार हो गया
मुझे हाट में छोड़ अकेला
एक एक कर मीत चला
जीवन बीत चला

Door Kahin Koi Rota Hai Lyrics

Song: Door Kahin Koi Rota Hai
Album Title: Samvedna
Artist: Jagjit Singh
Music Director: Jagjit Singh
Lyricist: Atal Bihari Vajpayee

दूर कहीं कोई रोता है

तन पर पहरा भटक रहा मन,
साथी है केवल सूनापन,
बिछुड़ गया क्या स्वजन किसी का,
क्रंदन सदा करूण होता है ।

जन्म दिवस पर हम इठलाते,
क्यों ना मरण त्यौहार मनाते,
अन्तिम यात्रा के अवसर पर,
आँसू का अशकुन होता है ।

अंतर रोयें आँख ना रोयें,
धुल जायेंगे स्वप्न संजोये,
छलना भरे विश्व में केवल,
सपना ही तो सच होता है ।

इस जीवन से मृत्यु भली है,
आतंकित जब गली गली है,
मैं भी रोता आसपास जब,
कोई कहीं नहीं होता है ।

Chaurahe Par – Atal Bihari Vajpayee

Song: Chaurahe Par
Album Title: Samvedna
Artist: Jagjit Singh
Music Director: Jagjit Singh
Lyricist: Atal Bihari Vajpayee

चौराहे पर लुटता चीर
प्यादे से पिट गया वज़ीर
चलूँ आख़िरी चाल के बाजी छोड़ विरक्ति रचाऊँ मैं
राह कौन सी जाऊँ मैं

सपना जन्मा और मर गया
मधु ऋतु में ही बाग़ झर गया
तिनके बिखरे हुए बटोरूँ या नव सॄष्टि सजाऊँ मैं
राह कौन सी जाऊँ मैं

दो दिन मिले उधार में
घाटे के व्यापार में
क्षण क्षण का हिसाब जोड़ूँ
या पूँजी शेष लुटाऊँ मैं
राह कौन सी जाऊँ मैं

 

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