Doori Lyrics – Gully Boy: Ranveer Singh has sung this song which belongs to the upcoming movie Gully Boy starring Alia Bhatt with him. Its music is given by Rishi Rich and lyrics are written by Javed Akhtar & Divine.
Song: Doori
Movie – Gully Boy
Singers – Ranveer Singh
Musicians – Rishi Rich
Lyricists – Javed Akhtar, Divine
Doori Lyrics – Gully Boy
Koyi mujhko yeh bataye
Kyun yeh doori aur mazboori
Iss duniya ki kya story
Kiske hath mein iski dori
Right mein building aasmaanon ko chhu ri
Left mein bachchi bhookhi sadkon pe so ri
Kaisi yeh mazboori
Paisa rehna hai zaroori
Nahi to kaise hogi poori teri seenazori
Lambi gaadi jitni kiski khuli
Aayein chawal ki khaali bori ae
Paison se bhari poori
Kaisi ye mazboori haan
Bol na!
Ab dekho to hum pass hain lekin
Socho kitni doori hai
Ab kaisi yeh mazboori hai
Ab socho kitni doori hai x (2)
Yeh to saara 200 taka done hai
Jitna kaala tera mann utna kaala tera dhan
Woh tafra shoot karte bole gun
Yeh tarfa karte hain chilam
Wahan pe peti peti dhan
Yahan pe kheti kheti gandh
Ek duniya mein do duniya ujala ek andhera
Ek seth ji aur ek chela
Kahin to moti mail mein koyi jee raha hai akela
Kahin to local dibbe mein hai rele pe hai rela
Unki seva inki meva
Ab dekho to hum pass hain lekin
Socho kitni doori hai
Ab kaisi yeh mazboori hai
Ab socho kitni doori hai x (2)
Ghar pe sabke apne apne ghum hain
Deewarein zyada aur bole
Kamre yahan kam hain
Soch mein yeh wajan hai
Kyunki khali yeh bartan hai
Mera karma ya karam hai
Ab to todna bharam hai
Mujhko seene se laga ke kuchh nahi kehti
Meri maa bas roti, meri maa meri fauji
Meri maa meri boli
Meri lori mat rona, mat rona
Ab to honi hai anhoni
Ab honi hai anhoni maa
Ab dekho to hum pass hain lekin
Socho kitni doori hai
Ab kaisi yeh mazboori hai
Socho kitni doori hai
Dekho to hum pass hain lekin
Socho kitni doori hai
Ab kaisi yeh mazboori hai
Socho kitni doori hai
Doori Lyrics – Gully Boy – Hindi Font
कोई मुझको ये बताये क्यूँ ये दूरी और मजबूरी
इस दुनिया की क्या स्टोरी किसके हाथ में इसकी डोरी
राईट में बिल्डिंग आसमान को छू री
लेफ्ट में बच्ची भूखी सड़कों पे सो री
कैसी ये मजबूरी पैसा रहना है ज़रूरी
नहीं तो कैसे होगी पूरी तेरी सीना जोरी
लम्बी गाड़ी जितनी किसकी खौली
आये चावल की खाली बोरी एक पैसो से भरी पूरी
कैसी ये मजबूरी हाँ, बोल ना
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
अब कैसी ये मजबूरी है
अब सोचो कितनी दूरी है
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
कैसी ये मजबूरी है
सोचो कितनी दूरी है
ये तो सारा 200 टक्का डन है
जितना काल तेरा मन उतना काल तेरा धन
वो तफरा शूट करते बोले गन
ये तरफ़ा करके है चिलम
वहां पे पेटी-पेटी रम
वहां पे खेती-खेती गंध
एक दुनिया में दो दुनिया उजाला एक अँधेरा
एक सेठ जी और एक चेला
कहीं तो मोती मेल में कोई जी रहा है अकेला
कहीं तो लोकल डिब्बे में है रेल पे है रेला
उनकी सेवा इनकी मेवा
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
अब कैसी ये मजबूरी है
अब सोचो कितनी दूरी है
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
कैसी ये मजबूरी है
सोचो कितनी दूरी है
घर पे सबके अपने अपने गम हैं
दीवारे ज्यादा और बोले कमरे यहाँ काम हैं
सोच में ये वज़न है क्योंकि खाली सब बर्तन है
मेरा करमा या करम है अब तो तोड़ना ये भरम है
मुझको सीने से लगा के कुछ नहीं कहती
मेरी माँ बस रोती मेरी माँ मेरी फौजी
मेरी माँ मेरी बोली लोरी मत रोना मत रोना
अब तो होनी अनहोनी अब होनी है अनहोनी माँ
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
अब कैसी ये मजबूरी है
अब सोचो कितनी दूरी है
अब देखो तो हम पास हैं लेकिन
सोचो कितनी दूरी है
कैसी ये मजबूरी है
सोचो कितनी दूरी है