अंत में – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

महफ़िल में आज पढ़िए हिंदी के कवि एवं साहित्यकार सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता जिसका शीर्षक है – अंत में

Sarweshwar Dayal Saxena

अब मैं कुछ कहना नहीं चाहता,
सुनना चाहता हूँ
एक समर्थ सच्ची आवाज़
यदि कहीं हो।

अन्यथा
इससे पूर्व कि
मेरा हर कथन
हर मंथन
हर अभिव्यक्ति
शून्य से टकराकर फिर वापस लौट आए,
उस अनंत मौन में समा जाना चाहता हूँ
जो मृत्यु है।

‘वह बिना कहे मर गया’
यह अधिक गौरवशाली है
यह कहे जाने से —
‘कि वह मरने के पहले
कुछ कह रहा था
जिसे किसी ने सुना नहीं।’