Faiz was nominated for the Nobel Prize in Literature and won the Lenin Peace Prize.
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे, जिन्हें अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्में और ग़ज़लें लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया।
उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया गया था। फ़ैज़ पर कई बार कम्यूनिस्ट (साम्यवादी) होने और इस्लाम से इतर रहने के आरोप लगे थे पर उनकी रचनाओं में ग़ैर-इस्लामी रंग नहीं मिलते। जेल के दौरान लिखी गई उनकी कविता ‘ज़िन्दान-नामा’ को बहुत पसंद किया गया था। उनके द्वारा लिखी गई कुछ पंक्तियाँ अब भारत-पाकिस्तान की आम-भाषा का हिस्सा बन चुकी हैं, जैसे कि ‘और भी ग़म हैं ज़माने में मुहब्बत के सिवा’।
(Source: As read on Wikipedia)
Faiz Ahmad Faiz Shayari and Poems
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Some Latest Added Poems of Faiz Ahmad Faiz
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- वो बुतों ने डाले हैं वस्वसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया – फैज़ अहमद फैज़
- न अब रकीब न नासेह न ग़मगुसार कोई – बशीर बद्र
- तुझे पुकारा है बेइरादा – फैज़ अहमद फैज़
- चलो फिर से मुस्कुराएं – फैज़ अहमद फैज़
- दर-ए-उमीद के दरयूज़ागर – फैज़ अहमद फैज़
- किस तरह आएगी जिस रोज़ क़ज़ा आएगी – फैज़ अहमद फैज़
- हम तो मज़बूर थे इस दिल से कि जिसमें हर दम – फैज़ अहमद फैज़
- आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल – फैज़ अहमद फैज़
- ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया – फैज़ अहमद फैज़
- सज्जाद ज़हीर के नाम – फैज़ अहमद फैज़
Faiz Ahmad Faiz Poems Ebook
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