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दुर्गा नाम तोहार हे जननी…
कालीनाम तोहार…
खड्ग खप्पर दाहिन कर राखल
निशुम्भ के कैलऊ संहार हे जननी…
दुर्गा नाम तोहार…
रक्त बीज महिषासुर मारल
केलउ असुर संहार हे जननी
दुर्गा नाम तोहार…
निसी वासर कैलास शिखर पर
मिली क कैलौ विहार हे जननी
दुर्गा नाम तोहार…
हम सन पतित अनेको तारल
हमरो करब उद्धार हे जननी
दुर्गा नाम तोहार…
-यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से
-2-
दुर्गा सन गौरी छथि सुन्दर
तिनका वर भेलखिन जोगी हे
पानक पात लए नाक पकड़बनि
नाक देबनि हम तोड़ि हे
हमरा गोरी दिस दृष्टि घुमयता
नयना देबनि हम फोड़ि हे
गरदनिमे चादरि लगएबनि
गरदनि देबनि हम तोड़ि हे
बसहा बरद सन मंडप घुमयबनि
करता कहथिन जे गौरी हे
दुर्गा सन गौरी छथि सुन्दर
तिनका वर भेलखिन जोगी हे